Wednesday, October 15, 2008

दर्द ने क्या कहा होगा?

दर्द ने तुम को जब छुआ होगा
तुमने उस से क्या कहा होगा?

दिल को अपने ज़ुबां दी भी तो क्या?
दिल पे कुछ उस के असर हुआ होगा?

ये मोह्ब्बत है कि आदत, क्या जानें?
दोस्तों को अक्सर ये शुबहा हुआ होगा।

थक गये होंगे जब सभी जज़्बे
आदमी तब मर गया होगा।

दाग़ कर गोली वतन के सीने में
भूल जाओ वह शर्मसार हुआ होगा।

स्याह कपडों में निकल आई रात
इस शहर में कोई हादसा हुआ होगा।

जाने क्यॊं भुला दिया सब कुछ
चोट का दिल पे असर हुआ होगा।

8 comments:

mehek said...

दाग़ कर गोली वतन के सीने में
भूल जाओ वह शर्मसार हुआ होगा।

स्याह कपडों में निकल आई रात
इस शहर में कोई हादसा हुआ होगा।
waah bahut khub

Vinay said...

लिखती रहें!

seema gupta said...

थक गये होंगे जब सभी जज़्बे
आदमी तब मर गया होगा।
" ah! great words of fact"

Regards

naresh singh said...

aapke blog kaa naam saarthak hai,kavita bhee achee lagee

daanish said...

"thk gaye honge jb sbhi jazbe,
aadmi tb mr gyaa hogaa...."

waah ! ek arse ke baad aisa umda aur meaari sher parhne ko mila hai
poori ghazal hi phalsephaana andaaz liye hue hai....
mubarakbaad...!!
---MUFLIS---

अनूप भार्गव said...

>थक गये होंगे जब सभी जज़्बे
>आदमी तब मर गया होगा।

सच कहा है ....

Sundeep Kumar tyagi said...

हर किसी को झिंझोड़ जाते हैं।
अश्क़ पलकों पै छोड़ जाते हैं॥

तेरी गज़लों के शेर मोहतरमा!
रूह में कुछ निचोड़ जाते हैं॥

फिर भी शिकवा है क्यों महीनों ही
ब्लाग खाली यूँ छोड़ जाते हैं।।

"दीप" दिल में सभी लजाते हैं।।
साँझे पल कैसे दौड़ जाते हैं॥

Satish Saxena said...

बहुत खूब ! please remove word verification.
शुभकामनायें !