Friday, January 1, 2010

नव वर्ष आपको हो मंगल

हो कृपा भगवती की हर पल
नव छंद ,गीत नव रच जायें
पृष्ठों पर जीवन विहँसे
जीवन में कविता खिल जाये

लिखा हुआ सब हो मंगल....
नव वर्ष...

जीवन के छोटे, अनगिन दुख
सुख का रहस्य समझा जायें
सपने अपने पा जाने को
दृढ़ हाथ उठें, नभ छू जायें

कर्म- योग हमारा हो मंगल
नव वर्ष.................

नव पीढ़ी के कर्म- धर्म
मंत्र सत्य का पा जाये
पुरुषार्थ करें अपना सार्थक
युग को दिशा दिला जायें

आनंद,शाँति और हो मंगल
नव वर्ष आपको हो मंगल....

शुभकामनाओं सहित
शैलजा

2 comments:

हरकीरत ' हीर' said...

नव पीढ़ी के कर्म- धर्म
मंत्र सत्य का पा जाये
पुरुषार्थ करें अपना सार्थक
युग को दिशा दिला जायें

आनंद,शाँति और हो मंगल
नव वर्ष आपको हो मंगल....

आपको भी नव वर्ष की मंगल कामनाएं ......!!

Udan Tashtari said...

उम्दा रचना-सुन्दर संदेश!!

आपको भी नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई ...