अकेलापन.......................
अकेलापन आया
और बैठ गया पसर के
मेरे और तुम्हारे बीच
डाइनिंग टेबल पर
कभी तुम्हारे बाल बिखेरता,
कभी मुझ पर आँख तरेरता,
अकेलापन करता रहा
छेडछाड दोनों से
और हम बैठे रहे
संवादहीनता के बीच....
कभी सोचा था क्या हमने
कि संबंध ऐसे मौन हो जायेंगे।